Header Ads Widget

Responsive Advertisement

Ticker

6/recent/ticker-posts

पूर्णिया ,बिहार : 11 बजे रात में हजारें मुस्लिम समुदाय नें कई महादलित परिवार के घर में आग लगाकर गर्भवती महिला सहित अन्य लोगों को बूरी तरह से पीटा।


पूर्णिया ,बिहार :
बायसी थाना क्षेत्र अंतर्गत खपड़ा पंचायत के मझवा गांव में बुधवार 11 बजे रात में हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग कई महादलित परिवार के घर में आग लगा दिया एवं रिटायर्ड चौकीदार को पीट कर मार डाला। जानकारी के अनुसार महादलित और मुस्लिम समुदाय के बीच जमीनी विवाद कई वर्षों से चल रहा है।




 महादलित परिवार पी डब्ल्यू डी के सड़क पर बसे हुए हैं और उनके पीछे मुस्लिम समुदाय के जमीन रहने की वजह से अक्सर उन लोगों के साथ जमीनी विवाद होते रहता है। बुधवार शाम 6 बजे मेवालाल का पुत्र सुखदेव राय और फकीरा राय अपने घर का टट्टी लगा रहा था, इस बीच रिजवी, इलियास, शमशाद, नजमुल, साकिर, असद समेत करीब 15 लोगों ने उनके घर पर आ धमका और उन लोगों से मारपीट शुरू कर दिया, जिसमें सुखदेव राय और मेवा लाल राय दोनों बुरी तरह घायल हो गया....।




इसकी सूचना बायसी थाना को दिया गया। बायसी पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर दोनों को इलाज के लिए बायसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया फिर उन्हें अपना घर मझवा पहुंचा दिया। दो चौकीदार को वहां ड्यूटी पर लगा दिया गया। मगर रात 11 बजे 4 गांव मझुआ, नियामतपुर, मथरापुर एवं सोती टोला मथरापुर के करीब हजारों लोगों ने आकर सभी महादलित परिवार के घरों को घेर लिया और उन में आग लगा दिया। उन लोगों के साथ काफी मारपीट भी की। एक महिला लक्ष्मी देवी जो गर्भवती थी उसे उन लोगों ने काफी बुरी तरह पीटा और उनका सिर फोड़ दिया। इस मारपीट में दर्जनों लोग घायल हुए जिन का इलाज चल रहा है। मेवा लाल राय जो रिटायर चौकीदार थे उसे काफी मारा पीटा गया जिनकी मौत रात में ही हो गई।


बायसी पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए पूर्णिया सदर अस्पताल भेज दिया। अशोक राय, खुदाई राय, ज्योतिष राय, सुकारू राय, जीतन रॉय, राजेश रॉय, मुन्ना रॉय, मसोमात गीता देवी, भीम प्रसाद राय, मालती देवी एवं सौदागर राय समेत कई लोगों का सभी घर जल गया। यहां तक कि खाने-पीने की वस्तु एवं मवेशी भी जल चुका। रात में इनकी सूचना बायसी थाना को दिया गया।



रात में ही घटनास्थल पर अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचल पदाधिकारी सभी लोगों ने घटनास्थल पर पहुंचे एवं दो दमकल की सहायता से आग को बुझाया गया। मगर रात में ही दो व्यक्ति साकिर एवं इब्राहिम को गिरफ्तार किया गया है...।

.........

विश्व की सबसे बड़ी पार्टी व संगठन केंद्र की सत्ता में 4 सौ से ज्यादा सांसद...!! 18-19 राज्यों में सत्ता व 1600 से अधिक विधायक होने पर भी अगर न्याय दिलाने के लिए धरना देना पड़े.....
तो फिर लानत है आपके नेतृत्व पर
याद रखिये आवश्यकता से अधिक उदारता कायरता कहलाती है।"

और... दलित मुस्लिम एकता की बातें करने वाले लोग कितने बड़े धूर्त हैं इसका अंदाजा आप इस घटना से लगा सकते हैं। मुसलमानों के बहकावे में आकर धोखा खाने के बाद निर्वासित जीवन व्यतीत करने वाले जोगेंद्र नाथ मंडल हों या वर्तमान में भीम- मीम एकता की बात करके पूरे दलित समुदाय को बरगलाने वाले दलित नेता, इन सब का हश्र एक ही होना है।




पूर्णिया में जहां से ओवैसी के विधायक की जीत हुई है उसी इलाके के बायसी प्रखंड में खपड़ा पंचायत अंतर्गत एक गांव है मझवा। इस गांव के दलित बस्ती में कुछ दिनों पहले मुसलमानों ने रोंगटे खड़े कर देने वाला अत्याचार किया। कुछ महीने पहले भी यहीं के मीनापुर पंचायत के बैरिया गांव में मुसलमानों ने दलितों ता रास्ता रोक दिया था और उसपर घर बना दिया था।

स्वाभाविक है ओवैसी का विधायक जीता है इसका अर्थ है कि वहां मुसलमान बहुसंख्यक है और जहां मुसलमान बहुसंख्यक है वहां ये एकता की बातें गायब हो जाती हैं।

 रमजान के दौरान मुसलमानों के इस अत्याचार के बाद प्रशासन जागा और वहां पुलिस ने कैंप करना शुरू किया। मामला थोड़ा ठंडा हुआ तो वहां दो पुलिस वालों की नियुक्ति कर दी गई। कुछ दिनों बाद मुसलमानों ने फिर दलितों पर बेरहमी दिखाई और उन पुलिस वालों को भी पीटा।




दोनों पुलिस वाले गंभीर रूप से घायल हैं। ये घटना रमजान के महीने की है, जिसे मुसलमान पवित्र महीना कहते हैं। मुसलमानों की भीड़ ने दलितों के घर में घुसकर उन्हें बुरी तरह मारा कई लोगों के घर जला दिए। इसमें एक दलित व्यक्ति की मौत हो गई है। इस घटना पर किसी दलित नेता का मुंह नहीं खुला‌, यह कितना दुखद है।

 आज वहां के सैकड़ों दलित परिवार पलायन को मजबूर हैं। दलित समाज को भी इस बारे में विचार करना चाहिए कि दलितों के नेता, उनके हितैषी हैं या अपने फायदे के लिए उन्हें मौत के मुंह में झोंक रहे हैं।

 मीडिया ने भी इस घटना पर चुप्पी साध ली और दलितों के साथ मुस्लिमों ने खूब नंगा नाच किया और इस तरह भीम मीम एकता कायम हुई और साथ ही रावण सेना के नाम पर एक और उपलब्धि दर्ज हो गई है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ